Chhattisgarh Vidhansabha: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे और नारेबाजी के बीच पहले तो कुछ देर प्रश्नकाल चलता रहा, लेकिन फिर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल शुुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी की छापेमारी को लेकर विपक्ष ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में मुद्दे को उठाने की व्यवस्था भी दी, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल काफी महत्वपूर्ण होता है। इसके संचालन में लाखों रुपये खर्च होते हैं, जनता से जुड़े कई अहम सवाल लगे हुए हैं, इसलिए प्रश्नकाल को बाधित नहीं करे। विधानसभा अध्यक्ष ने ये भी व्यवस्था दी कि प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में वो इस मुद्दे को उठा सकते हैं, उन्हें प्रर्याप्त समय दिया जायेगा। लेकिन विपक्ष नहीं माना, नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक बेल में पहुंच गये।
विपक्ष के विधायक के बेल में पहुंचने के बाद नियम प्रक्रिया के तहत सभी स्वयंमेव निलंबित हो गये। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी निलंबित विधायकों को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया, लेकिन विपक्षी विधायक सदन में ही डटे रहे और नारेबाजी करते रहे। नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल चलता रहा, लेकिन शोर के बीच बातें स्पष्ट रुप से सुनायी नहीं पड़ रही थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
10 मिनट बाद जब कार्रवाई फिर से शुरू हुई, तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने सदन की कार्रवाई को बाधित कर जघन्य अपराध किया है। धर्मजीत सिंह ने कहा कि सदन को चलाने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, जनता उम्मीद करती है कि उनके मुद्दे सदन में उठेंगे, लेकिन इस तरह सदन को बाधित किया गया था। इस बात का समर्थन अजय चंद्राकर और सुनील सोनी ने भी किया।