रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय में संशोधन की घोषणा की है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय के अनुसार, नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को अब पहले से अधिक मानदेय मिलेगा। यह संशोधन 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और इससे ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
मानदेय में वृद्धि का उद्देश्य
छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण विकास की रीढ़ होते हैं। उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मानदेय में संशोधन का निर्णय लिया है। इससे पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने में सहायता मिलेगी।
संशोधित मानदेय दरें
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पंचायत पदाधिकारियों का मासिक मानदेय इस प्रकार रहेगा:
जिला पंचायत अध्यक्ष – ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000
जिला पंचायत उपाध्यक्ष – ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000
जिला पंचायत सदस्य – ₹6,000 से बढ़ाकर ₹8,000
जनपद पंचायत अध्यक्ष – ₹7,000 से बढ़ाकर ₹10,000
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष – ₹5,000 से बढ़ाकर ₹7,000
जनपद पंचायत सदस्य – ₹2,500 से बढ़ाकर ₹4,000
ग्राम पंचायत सरपंच – ₹2,500 से बढ़ाकर ₹4,000
ग्राम पंचायत पंच – ₹300 से बढ़ाकर ₹500
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि से उनके कार्य करने की क्षमता और मनोबल बढ़ेगा। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है और इस फैसले से स्थानीय प्रशासन को भी मजबूती मिलेगी। पंचायत मंत्री ने भी इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के इस फैसले पर संतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि मानदेय में वृद्धि से उनके दैनिक खर्चों में कुछ राहत मिलेगी और वे अपने कर्तव्यों को और अधिक सक्रियता से निभा सकेंगे। हालांकि, कुछ सरपंचों और पंचायत सदस्यों का कहना है कि यह वृद्धि अपेक्षा से कम है और सरकार को इसे और बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय पंचायत प्रतिनिधियों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ग्राम स्तर पर शासन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा और ग्रामीण विकास की गति को तेज किया जा सकेगा। सरकार भविष्य में भी पंचायतों के विकास के लिए और योजनाएं लाने की बात कर रही है।