12वीं बोर्ड का अंग्रेजी का पेपर आज हिंदी माध्यम के बच्चों को दिया गया। बिल्कुल नए डिजाइन पर पूछा गया सवाल ज्यादातर बच्चों के पल्ले ही नहीं पढ़े। बच्चे तो छोड़िए, कई विषय विशेषज्ञ भी अंग्रेजी के पेपर का मानक देखकर हैरान रह गए। आलम यह था कि अंग्रेजी के पेपर का अधिकांश भाग अलग-अलग हिस्सों में उतारा गया।
परीक्षा केंद्र के बाहर कई बच्चे तो अपने शिक्षक और सोलो को देखकर भी रोने लगें। कुछ बच्चों ने बताया कि इस वर्ष अंग्रेजी का पेपर बहुत जटिल था। एक भी करैक्टर स्क्रिप्ट नहीं आई थी जबकि फ्लोरिडा 2 के करैक्टर स्कैच नियमित रूप से आ रहे हैं। बहुत से प्रश्न तो समझ ही नहीं आ रहे थे। अधिकांश बच्चों ने यही कहा कि अंग्रेजी पेपर का पेपर बहुत कठिन था।
वास्तविक प्रोटोटाइप का चयन समय-समय पर हर बच्चे के स्तर के मंदिरों को शामिल करना है। इस 12वीं अंग्रेजी प्रश्नपत्र को हिंदी माध्यम के बच्चों के लिए वर्ष जटिल था और प्रश्नपत्र सेट करने के लिए दोस्तों ने प्रयोग के नाम पर बच्चों की भावनाओं को प्रभावित किया है। अलग-अलग 6-6 नंबर के 2 करैक्टर सेट-अप रहते हैं कि कुल 80 नंबर में 12-अंक के होते हैं, बच्चे इस वजह से 5 से 6 नंबर के करैक्टर सेट याद रहते हैं, इस बार के प्रश्नपत्र में जो एक भी करैक्टर सेट दिया गया है। इसी तरह के अन्य बहुत से प्रश्न भी इन बच्चों के स्तर के सिद्धांत नहीं थे।
अंग्रेजी विषय के इस प्रश्न पत्र के बारे में जब अंग्रेजी के व्याख्याता पादरी कुमार शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने भी सोचा कि अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र बच्चों के शास्त्र नहीं थे। किशन का पैटर्न और स्टैंडर्ड दोनों काफी टफ थे। प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि जबकी प्रदेश के अधिकांश अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चे केंद्र में जाकर अलग-अलग स्तरों पर पढ़ते हैं।